ख़्वाब खयाली का अड्डा कह सकती हो।
गुड़िया हो मुझको गुड्डा कह सकती हो।।
घर की मोटा भाई तो सच में तुम हो
हाँ मुझको जेपी नड्डा कह सकती हो।।
साथ तुम्हारे सब भैया कह देते हैं
तुम मुझको बेशक़ बुड्ढा कह सकती हो।।
टिड्डी दल सा छाप लिया है सालों ने
तुम चाहो मुझको टिड्डा कह सकती हो।।
हम निरीह हैं हमी विलेन कहलाएंगे
तुम पर है कितना बड्डा कह सकती हो।।
सुरेश
सुरेश साहनी कानपुर
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