इतना भी फैशन ठीक नहीं।
यूँ अंग प्रदर्शन ठीक नहीं।।
है सीधी राह भली प्यारे
ये पथ से भटकन ठीक नहीं।।
ज्यादा परदा भी घातक है
चिलमन पे चिलमन ठीक नहीं।।
जाने कितने बेमौत मरे
यह तिरछी चितवन ठीक नहीं।।
कोशिश भर दाग न लगने दो
मैला हो दामन ठीक नहीं।।
सुरेश साहनी,कानपुर
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