गीत मुझे उम्मीद है

 मुझे उम्मीद तो है कल मिलोगे।।

कमल बन मन सरोवर में खिलोगे।।


कोई वादा वफ़ा यदि हो न पाया

जो कोई स्वप्न पूरा हो न पाया

तो क्या इतनी ख़ता पे छोड़ दोगे।।


तो क्या अब प्यार करना छोड़ दूं मैं

हर इक उम्मीदो-हसरत तोड़ दूँ मैं

भरम में कब तलक रक्खे रहोगे।।


मुहब्बत चीज़ है क्या उम्र भर की

ज़रूरत भी न होगी जब शकर की 

शहद बन ज़िन्दगी में तब घुलोगे।।


सुरेश साहनी, कानपुर

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