इंडिया और भारत

 हम बहुत भाग्यवान हैं क्योंकि हम भारत मे जन्में हैं।हम इसलिए भी भाग्यशाली हैं क्योंकि हमारे पास आहत होने के बावजूद दुखी होने का समय नहीं हैं।हम एक डॉक्टर पर हमला होने पर उद्वेलित होते हैं, तो तुरंत एक दूसरे डॉक्टर को जूते से पीटे जाने पर तालियां भी बजाते हैं। एक लड़की के रेप होने पर कैण्डल मार्च और रैलियां निकालते हैं तो सैकड़ों बलात्कार होने के बावजूद मौन भी साध लेते हैं। वस्तुतः हम बहुआयामी हैं।हमें मालूम है कि सब माया है।

  अभी बिहार में सैकड़ों की संख्या में बच्चे मर गए।डॉक्टर्स कह रहे हैं बच्चे इंसेफेलाइटिस से मरे हैं।विशेषज्ञों की राय है कि कच्ची लीची में पाए जाने वाले न्यूरोटॉक्सिन की वजह से मौते हुई हैं।बीच में यह रिपोर्ट भी आई कि बच्चों में मरने के पूर्व हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण पाए गए जो मृत्यु की बड़ी वजह बनी।कुछ लोग बोल रहे हैं कुपोषण इसका प्रमुख कारण हैं। सबसे सही बात स्वास्थ्य मंत्री जी ने बताई है कि बच्चे अपने दुर्भाग्य से मरे हैं। और मेरा भी मानना है चौबे जी ने सत्य कहा है।यह उन बच्चों का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि वे ऐसे माननीयों के प्रतिनिधित्व वाले राज्यों में जन्म लेते हैं।

  एक सज्जन कह रहे थे ऐसी मौतें तो पिछले कई वर्षों से हो रही हैं।इसमें सरकार क्या कर सकती हैं।और वे ही नहीं शासन प्रशासन मीडिया पत्रकार और सारे ज़िम्मेदार लोग यही समझा रहे हैं। और यह गरीब जनता को भी समझना होगा कि वे अपने बच्चों को बचाने के लिए लीची की जगह रियल जूस, आम की जगह मैगी और अमीर लोगों की तरह महंगे महँगे कॉम्प्लान और बॉर्नवीटा पिलायें। अन्यथा सबके साथ सबका विकास कैसे होगा।

 आख़िर पूरा भारत इसी तरह तो जी रहा है।

आईये इस भारत को रोता छोड़कर इंडिया की जीत का जश्न मनाते हैं।

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