जब कभी हम सुनाया करेंगे

अमृत काल की कहानियां

अपनी अगली की अगली पीढ़ी को

और दिखाएंगे हर ऐसी सीढ़ी को

जिसके सहारे कुछ लोग रातोरात

फर्श से अर्श पर पहुंच जाया करते थे


और सबसे बड़ी बात 

जो हम उन नौनिहालों को बताया करेंगे

कि सीढ़ियों के उस दौर में भी हम

सांपों को चुना करते थे

क्योंकि उन में हमें 

अपनी जाति या धर्म दिखता था


उस काल की चर्चा किया करेंगे

कि कुछ तो जादू था जिसके कारण

करोड़ों युवा बेरोजगार तो थे

परन्तु वे असंतुष्ट नहीं थे

वे बदहाल थे, लेकिन कभी भी

सरकार से रोजगार नहीं मांगते थे

क्योंकि वे जानते थे कि

शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार

ईश्वर देता है, सरकार नहीं...


सचमुच अमृत काल ही था

कितनी भी महंगाई हो

लोग उसका कारण सरकार को नहीं मानते थे

वे जानते थे कि 

देश में बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, बदहाली

और अव्यवस्था का एकमात्र कारण

विपक्ष होता है

और राजा भगवान.........


सुरेश साहनी, कानपुर

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