रामायण के पात्र हमें जीवन जीना सिखलाते हैं।


राम रमापति कर धनु लेहू।

खैंचहु  मिटे मोर संदेहू।।

राम रमापति का धनु ले तब संशय सहज मिटाते हैं।।


शठ सन विनय कुटिल सन प्रीती

सहज सरल अरु सुन्दर नीति

बिनु भय होई न् प्रीति पाठ जग को सिखलाते हैं।।

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