इश्क़ ज़ाया न कीजिये साहब।

यूँ पराया न कीजिये साहब।।


आपके ख़्वाब क्या क़यामत हैं

यूँ जगाया न् कीजिये साहब।।


इम्तेहां लीजै पर गुज़ारिश है

आजमाया न कीजिये साहब।।


ठीक है रोज़ याद मत करिये

पर भुलाया न कीजिये साहब।।


कितना वीरान हो गया है दिल

आके जाया न कीजिये साहब।।

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