दिल का कारोबार न करने लग जाना।
देखो मुझसे प्यार न करने लग जाना।।
आज तुम्हारे दिल में हूँ तो चलता है
कल सबसे इज़हार न करने लग जाना।।
प्यार मुहब्बत गोया इक बीमारी है
ख़ुद को तुम बीमार न करने लग जाना।।
ज़्यादा डर है खुश होकर नादानी में
तुम ख़त को अखबार न करने लग जाना।।
मुझे समझना मत मजनूँ तुम भी खुद को
लैला का अवतार न करने लग जाना।।
Comments
Post a Comment