यूँ न नफ़रत से बात कर उससे।

इक मुहब्बत से बात कर उससे।।


तरबियत बातचीत में झलके

इस शराफत से बात कर उससे।।


शादमानी मिज़ाज में आये

इस तबियत से बात कर उससे।।


उस  रईसी पे बदगुमां मत हो

दिल की दौलत से बात कर उससे।।


बेवफाई तो कल करेगा ही

आज उल्फ़त से बात कर उससे।।


बात करनी है तो तसल्ली रख

यूँ न उज़लत से बात कर उससे।।


साहनी इक फकीर है बेशक़

उसकी अज़मत से बात कर उससे।।


तरबियत/ संस्कार

बदगुमां/ भ्रमित

उज़लत/जल्दबाजी

अज़मत/श्रेष्ठता,महानता


सुरेश साहनी कानपुर

9451545132

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