होश में तो अना के साथ रहा।

बेख़ुदी में ख़ुदा के साथ रहा।।

मुझको कोई बला न छू पाई

जब तलक वालिदा के साथ रहा।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

अपरिभाषित

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है