बस काफिया रदीफ मिलाना ग़ज़ल नहीं

बस आय बाय साय सुनाना ग़ज़ल नहीं।।

नाजिल न हो तो कोई जरूरी नहीं गजल

कोई गणित का जोड़ घटाना ग़ज़ल नहीं।। साहनी

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