नूर वाले फिर से आने से रहे।
अब उजाले फिर से आने से रहे।।
इतने तमगे रास्तों ने दे दिए
पग में छाले फिर से आने से रहे।।
भूख थी जब माँ खिलाती थी हमें
वो निवाले फिर से आने से रहे।।
वालिदों की नज़र और शर्मोहया
वैसे ताले फिर से आने से रहे।।
नूर वाले फिर से आने से रहे।
अब उजाले फिर से आने से रहे।।
इतने तमगे रास्तों ने दे दिए
पग में छाले फिर से आने से रहे।।
भूख थी जब माँ खिलाती थी हमें
वो निवाले फिर से आने से रहे।।
वालिदों की नज़र और शर्मोहया
वैसे ताले फिर से आने से रहे।।
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