सच में दीवाना करेगा क्या मुझे।
या कि खेलेगा भुला देगा मुझे।।
जागता है शम्अ सा वो रात भर
इश्क़ में कर दे ना परवाना मुझे।।
हरकतें उसकी है दुश्मन की तरह
बोलता है ग़ैर से अपना मुझे।।
है लगे बीमार ख़ुद तो इश्क़ का
ऐसा चारागर न दे मौला मुझे।।
उसकी आँखों में कोई जादू तो है
साहनी लगता है हरि छलिया मुझे।।
कृष्ण-10
सुरेश साहनी, कानपुर
9451545132
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