देखने में भली न थी लेकिन।
उसमें कोई कमी न थी लेकिन।।
वो परीजाद थी मेरी ख़ातिर
जानता हूँ परी न थी लेकिन।।
जां हथेली पे ले के जाते थे
हुस्न की वो गली न थी लेकिन।।
उस के शिक़वे बुरे तो लगते थे
उस की मंशा बुरी न थी लेकिन।।
मैं समझता था वो समझती है
बात मेरी सही न थी लेकिन।।
जान तो मेरी उसमें बसती थी
हाथ में वो लिखी न थी लेकिन।।
साहनी वो हसीन ख़्वाब सही
उसकी ताबीर ही न थी लेकिन।।
सुरेश साहनी कानपुर
9451545132
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