भले तुमसे मिठाई हम न लेंगे।
मगर कम एक पाई हम न लेंगे।।
समझ लेना तुम्हारे साथ हैं पर
विधायक से बुराई हम न लेंगे।।
मेरे पी ए को दे देना जुटा कर
रुपैय्या तुमसे भाई हम न लेंगे।।
अगर मेहनत का है तो घूस दे दो
कोई काली कमाई हम न लेंगे।।
ये सुख सुविधा ये गाड़ी और बंगला
सभी के काम आयी हम न लेंगे।।
#हज़ल
#व्यंग
सुरेश साहनी कानपुर
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