कलेजा क्यों तेरा काँपा नहीं था।।

फरेब ओ छल से बावस्ता नहीं था।
कोई भी उनमे शाइस्ता नहीं था।।
मुजाहिद थे वो गोया कर्बला के
किसी ने भागना सीखा नहीं था।।
न था नफरत का उनको इल्म कोई
उन्हें बदले का अंदेशा नहीं था।।
सभी असगर सभी लख्ते जिगर थे
कोई इबलीस का शोहदा नहीं था।
सभी थे अम्न इमां के पयम्बर
कोई सल्फी ओ फजलुल्ला नहीं था।।
खुदाई नेमतों को मारने में
कलेजा क्यों तेरा काँपा नहीं था।।

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