नंगेपन को नमस्कार है।।

ये भी कोई चमत्कार है।
नंगेपन को नमस्कार है।।
चमचम चमचम झिलमिल झलिमिल
सारी दुनिया जैसे ग़ाफ़िल
भूली अपने संस्कार है।।
कोई शर्म न कोई लाज है
ख़त्म हुए सारे लिहाज़ है
मर्यादाएं तार तार हैं।।नंगेपन.....

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