समझे अच्छे दिन का मतलब

मत भूलो झूठों के दिन हैं।
लफ्फाजों लुच्चों के दिन हैं।।
गाल बजाकर राज करेंगे
ये चारण भाटों के दिन हैं।।
समझे अच्छे दिन का मतलब
ये दौलत वालों के दिन हैं।।
अब है सब बाज़ार नियंत्रित
सेठों दल्लालों के दिन हैं।।
हैं 'अदीब ,बेकार परेशां
ये तो बेअदबों के दिन हैं।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है