चिंतन ! चिंतन!! चिंतन!!!

इस चिंतन  अभिनन्दन।
को
ल कुछ तो हलचल होगी
या ऐसी ही कल होगी
या फिर सुधरेगा जीवन।
कुछ तो अधिकार मिलेंगे
इस आशा को अभिनंदन ।।या फिर अधिकारी होंगे
अपना होगा सिंघासन ।
हाँ !अपना होगा शासन।।
हमने जो सपने देखे
अब भी तो देख रहे हैं
कुछ होगा ऐसा जीवन।
कब होगा वैसा जीवन।।
इस आज़ादी का क्या है
पर सावधान रहना है
आखिर है अपना ही धन
इसकी रज भी है चन्दन।।
इस आज़ादी के शुभ दिन
आनंदित है जन गण मन
जन गण मन का आराधन
इस जन गण को अभिनंदन ।।

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