किसी के पास आना चाहती थी।
कि ख़ुद से दूर जाना चाहती थी।।
तबस्सुम दब गयी तो किस वजह से
वो लड़की खिलखिलाना चाहती थी।।
मिली थी जिस क़दर ख़ामोश होकर
यक़ीनन कुछ बताना चाहती थी।।
ये ऐसा दौर है इसमें ग़लत क्या
अगर वो आज़माना चाहती थी।।
अभी भी मुझमें कुछ बदला नहीं है
मुझे वो क्या बनाना चाहती थी।।
सुरेश साहनी कानपुर
9451545132
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