फना होने की जुरअत कर रहे हो।
यक़ीनन तुम मुहब्बत कर रहे हो।।
मुहल्ला कातिलों का है समझ लो
जो बसने की हिमाक़त कर रहे हो।।
चलो अंजाम से पहले बताओ
ये दिल किसको वसीयत कर रहे हो।।
जवाब आया कि अब भी मुन्तज़िर हो
अज़ल से ख़त किताबत कर रहे हो।।
फना होने की जुरअत कर रहे हो।
यक़ीनन तुम मुहब्बत कर रहे हो।।
मुहल्ला कातिलों का है समझ लो
जो बसने की हिमाक़त कर रहे हो।।
चलो अंजाम से पहले बताओ
ये दिल किसको वसीयत कर रहे हो।।
जवाब आया कि अब भी मुन्तज़िर हो
अज़ल से ख़त किताबत कर रहे हो।।
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