यदि कोई इतिहास बनाना चाहेगा।

वो मुझको सायास बुलाना चाहेगा।।

झूठी चाहत को फुर्सत कब मिलती है

सत्य साथ अवकाश मनाना चाहेगा।।साहनी

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