शिनाख़्त यूँ गुलों से कराई गई मेरी

कांटों के बीच ला के बिठाया गया मुझे।।साहनी

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

अपरिभाषित

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है