उसे जो शान-ओ-शौकत मिली है।
रईसी ये बिना मेहनत मिली है।।
कोई तो नेकियाँ उसकी बताओ
उसे किस बात की शोहरत मिली है।।
करें क्या इसको ओढ़ें या बिछाएं
हमें जो आपसे इज्ज़त मिली है।।
करेगा क्या किसी से वो रकाबत
जिसे पैदाईशी गुरबत मिली है।।
बिना मांगे उसे वो सब मिला है
हमें जिनके लिए हसरत मिली है।।
मेरे माँ-बाप हैं दौलत हमारी
उसे माँबाप की दौलत मिली है।।
रईसी ये बिना मेहनत मिली है।।
कोई तो नेकियाँ उसकी बताओ
उसे किस बात की शोहरत मिली है।।
करें क्या इसको ओढ़ें या बिछाएं
हमें जो आपसे इज्ज़त मिली है।।
करेगा क्या किसी से वो रकाबत
जिसे पैदाईशी गुरबत मिली है।।
बिना मांगे उसे वो सब मिला है
हमें जिनके लिए हसरत मिली है।।
मेरे माँ-बाप हैं दौलत हमारी
उसे माँबाप की दौलत मिली है।।
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