अनहद नाद सुना दे कोई।
मन के तार मिला दे कोई।।
खोया खोया रहता है मन
सोया सोया रहता है तन
तन से तान मिला दे कोई।।
कितने मेरे कितने अपने
सबके अपने अपने सपने
जागी आँख दिखा दे कोई।।
जनम जनम की मैली चादर
तन गीली माटी का अागर
आकर दाग मिटा दे कोई।।
साजन का उस पार बसेरा
जग नदिया गुरु ज्ञान का फेरा
नदिया पार करा दे कोई।।
मन के तार मिला दे कोई।।
खोया खोया रहता है मन
सोया सोया रहता है तन
तन से तान मिला दे कोई।।
कितने मेरे कितने अपने
सबके अपने अपने सपने
जागी आँख दिखा दे कोई।।
जनम जनम की मैली चादर
तन गीली माटी का अागर
आकर दाग मिटा दे कोई।।
साजन का उस पार बसेरा
जग नदिया गुरु ज्ञान का फेरा
नदिया पार करा दे कोई।।
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