बदली हवा में ख़ुद को बदलने न लग पड़ें।

रंगीनियों को देख मचलने न लग पड़ें।।

माना कि वो हसीन है ये तो जवां नहीं

इस उम्र में जनाब फिसलने न लग पड़ें।।


साहनी सुरेश

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