गजल

कैसे तन्हा करे सफ़र कोई
अब नहीं सूझती डगर कोई
तुमसे किस बात का गिला आखिर
साथ देता है उम्र भर कोई
हम भी हँस कर जबाब ही देते
प्यार से बोलता अगर कोई
गाँव के गाँव खा गई सड़कें
जब बसा है नया शहर कोई
आज तक उसके मुन्तजि़र है लोग
उसकी बातों में था असर कोई

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