जिजीविषा

देर रात गए सोने
और
सुबह जागने के मध्य
सरक जाते हैं स्वप्न

जैसे एक मुट्ठी रेत

घरौदा बनाने के दरमियान
लहरे जरूर आती हैं
गिर जाती हैं रेत की इमारत
रह जातें हैं रेत सने हाथ
बनाने को
फिर नया घरौंदा !!!

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