शरद पवार को जबाब देना होगा

नयी सरकार गठन के पूर्व ही आम जनता के मन में
इस बात को लेकर संशय बरक़रार था कि कहीं शरद
पवार पुनः कृषि मंत्री न बन जाय और महँगाई
पुनः आसमान छूने लगे लेकिन आशंकायें सही
साबित हुयीं और खाद्य पदार्थो कीbetahaasha
मूल्य -वृद्धि ने आम जन को झकझोर कर रख दिया
है गेहूं व दालें(arhar) ,khady तेल आदि के दाम
गरीब की थाली पर साहूकार बन कर बैठ गए
चीनी के दाम ,मराठा सूगर -लाबी और शरद
पवार के सम्बन्ध जग जाहिर है क्रिकेट का
सट्टा कृषि उत्पादों पर हावी हो गया प्रति
व्यक्ति एक किलो चीनी के औसत से तीस रुपये
की मूल्य वृद्धि से देश की गरीब जनता पर हर
माह तीन हज़ार करोड़ का बोझ बढ़ा इस तरह
छः माह में ही अट्ठारह करोड़ रुपये का घोटाला
या हेर-फेर हुआ है जो की सरकार और विपक्ष
के पूर्णतः संज्ञान में है पवार साहब भले ही सफाई
दे ,मगर जनता सब समझ रही है देश के जिन
किसानों का समझ ने की बात पवार साहब करते
है वे गरीब नहीं कारपोरेट किसान है फिर जब
देश में कई अर्थ व्यवस्थाये एक साथ चल रही हो
तब उनका तर्क और भी गले नहीं उतरता माननीय
कृषि मंत्री का सौभाग्य है की देश के मंत्री का चुनाव
लोक सभा क्षेत्रो तक सीमित है लेकिन एक समय ऐसा
आएगा जब उन्हें इसका जबाब देना होगा

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