रेप और बलात्कार
रेप?
ये तो दिल्ली में होता हैं
गाँव-गलियारों में
हँसी -मजाक होती है ,छेड़छाड़ नहीं ।
अरहर और गन्ने के खेतों में
बलात्कार नहीं होते,
परंपरा- निभाई होती है ।
वैसे भी बड़े आदमी से
बुरा नहीं माना जाता ।
लीला को पाप तो ना बोल ,
फिर अपनी गैय्या
सम्हाल के क्यों नहीं रखते ?
गंवार कही के !!!
अरे छेड़छाड़ तो
दिल्ली में होती है,
वह भी मेट्रो में या बस में ।
और सुन !
बेटी से रोटी भिजवा देना थाने में
दरोगा जी कब के भूखे हैं ,
बेचारे!!
ये तो दिल्ली में होता हैं
गाँव-गलियारों में
हँसी -मजाक होती है ,छेड़छाड़ नहीं ।
अरहर और गन्ने के खेतों में
बलात्कार नहीं होते,
परंपरा- निभाई होती है ।
वैसे भी बड़े आदमी से
बुरा नहीं माना जाता ।
लीला को पाप तो ना बोल ,
फिर अपनी गैय्या
सम्हाल के क्यों नहीं रखते ?
गंवार कही के !!!
अरे छेड़छाड़ तो
दिल्ली में होती है,
वह भी मेट्रो में या बस में ।
और सुन !
बेटी से रोटी भिजवा देना थाने में
दरोगा जी कब के भूखे हैं ,
बेचारे!!
बहुत खूब कहा
ReplyDeletehttp://ankushchauhansblog.blogspot.in/
अंकुश जी बहुत -बहुत धन्यवाद !!!!!!
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