रेप और बलात्कार
रेप? ये तो दिल्ली में होता हैं गाँव-गलियारों में हँसी -मजाक होती है ,छेड़छाड़ नहीं । अरहर और गन्ने के खेतों में बलात्कार नहीं होते, परंपरा- निभाई होती है । वैसे भी बड़े आदमी से बुरा नहीं माना जाता । लीला को पाप तो ना बोल , फिर अपनी गैय्या सम्हाल के क्यों नहीं रखते ? गंवार कही के !!! अरे छेड़छाड़ तो दिल्ली में होती है, वह भी मेट्रो में या बस में । और सुन ! बेटी से रोटी भिजवा देना थाने में दरोगा जी कब के भूखे हैं , बेचारे!!