आज अपने ख़िलाफ़ है सब कुछ
मूड क्या आज ऑफ है सब कुछ
मेरा उसका बंटा हुआ क्या है
प्यार में हाफ हाफ है सब कुछ
गोष्ठी है कोई न बोलेगा
खूब कहिये मुआफ़ है सब कुछ
नींद जाने किधर है क्या बोलें
यूँ तो बिस्तर लिहाफ है सब कुछ
मेरा दिल मेरी जेब आईना
आज मौसम सा साफ है सब कुछ
सुरेशसाहनी, कानपुर
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