नयन यूँ ही नहीं हैं डबडबाये।

बहुत दिन हो गये थे मुस्कुराये।।


तुम्हारी याद कब आयी न पूछो

बताओ क्या मुझे तुम भूल पाये।।


कभी तुम आशना थे ये तो तय है

पता मेरा कहाँ से ढूंढ लाये।।


जो दिल के घाव हैं भरने लगे हैं

न याद आकर कोई फिर से सताये।।


जिसे दिल से गये मुद्दत हुई हो

बला से वो इधर आये न आये।।


सुरेश साहनी

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