सभी कहते हैं मैं पहुंचा हुआ हूँ।

मुझे लगता है मैं भटका हुआ हूँ।।

बता दो शाम तक मैं लौट आऊँ

तुम्हे लगता है गर भुला हुआ हूँ।।

सितारों किस तरह दे दूँ विदाई

तुम्हारे साथ ही जागा हुआ हूँ।।

मुहब्बत की गली से दूर रक्खो

बड़ी मुश्किल से मैं अच्छा हुआ हूँ।।

क़यामत तक मैं जिसका मुंतज़िर हूँ

उसे लगता है मैं सोया हुआ हूँ।।

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