मक़तूल की गलती है ख़ंजर पे गिरा क्यूँकर।

उसकी तो महज जान गई

टूट गया ख़ंजर।।

अब उसकी ख़ता उसके वारिस को भुगतनी है।

आराम से मरना है तो लाये नया ख़ंजर।। सुरेश साहनी

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