पहले जन सेवक बना फिर वो चौकीदार।

अब जनता को लूटता जैसे साहूकार।।


आख़िर कैसे मान लें वो है पंत प्रधान।

जिसके कारण हैं दुखी जन मजदूर किसान।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

अपरिभाषित

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है