जनवरी सी जब तेरी महफ़िल सजी

मैं दिसम्बर की तरह तन्हा रहा।।साहनी

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

अपरिभाषित

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है