कोहरे ने बांध दिये सूरज के पाँव

हाथी ज्यों भूल गया हो अपना गाँव।।


ओसन से भीजि गये कलियन के नैन।

रो रो के काटी  ज्यूँ  विरहिन ने रेन।।


रात चला चंदा ने दरिया पे दाँव।।

धूप ज्यूँ देने  आँगना में छांव।।

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