रहते जब वो साथ में पल पल होती रार।
जरा दूर वो क्या हुए लगा उमड़ने प्यार।।
लगा उमड़ने प्यार नींद आंखों से भागी
खोया खोया वार रात भी जागी जागी
विरह व्यथा की कथा साहनी किससे कहते
आदत जो बन गई साथ की रहते रहते।।
रहते जब वो साथ में पल पल होती रार।
जरा दूर वो क्या हुए लगा उमड़ने प्यार।।
लगा उमड़ने प्यार नींद आंखों से भागी
खोया खोया वार रात भी जागी जागी
विरह व्यथा की कथा साहनी किससे कहते
आदत जो बन गई साथ की रहते रहते।।
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