बेसबब कहते रहे सुनते रहे।

रह सतह पर सीपियाँ चुनते रहे।।


योजनाओं के अमल से दूर हम

सिर्फ़ परिणामों पे सिर धुनते रहे।।


हर अयाँ से तो थे बेपरवाह हम

जो नहीं था हम उसे गुनते रहे।।


हासिलों से खुश न रह पाए कभी

खो न दें इस फ़िक्र में घुनते रहे।।


उम्र भर बेकार की चिन्ता लिए

साहनी जलते रहे भुनते रहे।।


साहनी सुरेश कानपुर

9451545132

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