तेज बहती हों हवाएँ चल रही हों आँधियाँ।

जब भी गहराये अँधेरा हम जलाते हैं दिया।।

जब कभी खुशियों का सूरज भी निकलना छोड़ देगा।

चंद्रमा भी राहु के भय से चमकना छोड़ देगा

बन के जुगनू हम करेंगे जंग की तैयारियां।।

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