क्यों मुझे देवता समझते हो।

सच कहो और क्या समझते हो।।

तो तुम्हें जान से भी प्यारा हूँ

क्या मुझे बावला समझते हो।।साहनी

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

अपरिभाषित

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है