जीना है दिन चार समझ में आया कुछ।
फ़ानी है संसार समझ में आया कुछ।।
सुख के साथी सब हैं दुख में कितने हैं
इस जग का व्यवहार समझ में आया कुछ।।
कहीं नहीं है फिर भी सबमें शामिल है
मायापति दातार समझ में आया कुछ।।
चंदा सूरज और सितारों से आगे
उस का पारावार समझ में आया कुछ।।
खाली हाथों भेजा खाली बुला लिया
उसका कारोबार समझ में आया कुछ।।
सारी दुनिया जिसका खेल तमाशा है
जादूगर है यार समझ में आया कुछ।।
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