सोचा है यही अपनी तरह तुमको बना दूँ।

आ जाओ तुम्हें प्यार के आदाब सिखा दूँ।।

ख़ामोश निगाहों से कभी  मुझको पुकारो 

या ख़्वाबों-ख़यालों में तुम्हें दिल से सदा दूँ।।साहनी

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा