वीणा के तार इतना न कसो कि टूट जाये

ढीला भी यों न छोड़ो  कि छिड़े तो सुर न आये


तन के बिना बताओ क्या साधना करोगे

जब तुम न होंगे ज्ञानी क्या ज्ञान का करोगे


फिर ज्ञान भी वही है जो जग के काम आये

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