मुहब्बत आजमाना चाहती है।

तबीयत कुछ यगाना चाहती है।।

वो मुझ से जीत जाए इस खुशी में

 मुहब्बत हार जाना चाहती है।।

भले ही आग लग जाए ज़हां में

जवानी आग पाना चाहती है।।

जो सहराओं में सागर ढूंढ लाए

कहानी वो तराना चाहती है।।

चलो रोते हैं हम एक दूसरे पर

मुहब्बत मुस्कुराना चाहती है।।

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