जैसे हर इंसान अलग है।

दुनिया और ज़हान अलग है।।

इसी तरह से इस दुनिया

हर इक का भगवान अलग है।।

और ख़ुदा का भी डर है तो

कैसे वो शैतान अलग है।।

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