आप कितने बड़े सितमगर हैं।

अहले-उल्फ़त हैं हम भी दिलवर हैं।।


आप भी ख़ाली हाथ जाएंगे

आप बेशक़ कोई सिकन्दर हैं।।


आप का हुस्न है गुहर कोई

इश्क़ में हम भी इक जवाहर हैं।।


लाख दुनिया ज़हां के मालिक हो

दिल की दुनिया में सब बराबर हैं।।


कर दिया आपको ग़ज़ल जिसने

साहनी जी वही  सुख़नवर हैं।।


सुरेश साहनी, अदीब,

 कानपुर

9451545132

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