द्रोणागिरि पर्वत उत्तराँचल के दून क्षेत्र या गढ़वाल में स्थित है। इस क्षेत्र में द्रोणद्वारा गाँव भी है। गाँव में लालपत्थर का एक विशाल चबूतरा है ।लोग कहते हैं कि इस पत्थर को भीम अपने गुरु के लिए राजस्थान से लाये थे। तपोवन और सहस्त्रधारा में द्रोणाचार्य की तपस्या के चिन्ह मिलते हैं। इस पर्वत का नाम भी द्रोणाचार्य के नाम पर ही पड़ा है। क्या हनुमान जी इसी पर्वत से संजीवनी बूटी ले गये थे?

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

अपरिभाषित

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है