आपकी डायरी में हम हैं क्या।

हम भी महफ़िल में मोहतरम हैं क्या।।

साफ कहने में कोई हर्ज नहीं

और नहीं

और भी दूसरे सनम हैं क्या।।सुरेश साहनी

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